छत्तीसगढ़ में दूर-दराज इलाकों में आज भी विकास सीमित है. यहां की भौगोलिक बनावट के चलते और ग्राम स्तर पर नक्सल समस्या के कारण आ रहीं चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार ने एक योजना लॉन्च की है, जिसका नाम ‘नियद नेल्लानार’ योजना (आपका सुंदर गांव) है.
इस योजना की घोषणा 15 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की थी. यह छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर क्षेत्र में शुरू की गई एक महत्वपूर्ण विकास और आउटरीच योजना है.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन गांवों में विकास कार्यों को बढ़ावा देना है जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित हैं. साथ ही उन गांवों में बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी आधारभूत ढाँचा तैयार करना है.
क्या है नियद नेल्लानार योजना ?
नियद नेल्लानार योजना के तहत पिछड़ी जनजातियों और ग्रामीण लोगों का जीवन सुधारा जा रहा है. इस योजना का नाम ‘नेल्लानार’ उस क्षेत्र के नाम पर पड़ा जहां ये पहली बार लागू की गई थी. इस योजना के फोक्स पॉइंट इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार, और बुनियादी ढांचा है.इसका अमल उन वन क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहाँ विकास की गति अपेक्षाकृत सुस्त रही है.

नियद नेल्लानार योजना के मुख्य उद्देश्य-
- सुरक्षा बलों के शिविरों के आसपास के गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास करना, जैसे सड़कें, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, पेयजल आपूर्ति, बिजली आदि.
- इस योजना के तहत स्थानीय लोगों के लिए विकास कार्य करके और उनकी जरूरत पूरा करे उनके अंदर सरकार के लिए विश्वास पैदा करना है.
- स्थानीय जनजातियों को कृषि, वन उत्पादों औऱ हस्तशिल्प के क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है.
- स्थानीय लोगों को विकास का लाभ दिखाकर नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने और आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित करना.
- ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से मोबाइल हेल्थ यूनिट और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की गई है
योजना से हुए ये लाभ-
आत्मसमर्पण में वृद्धि
- 2024 में बस्तर क्षेत्र में कुल 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया.
- 2025 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में 280 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जो 2024 की इसी अवधि से दोगुना है.
- अप्रैल 2025 में भी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसमें बीजापुर में 22 (जिनमें 4 पर 26 लाख का इनाम था) और दंतेवाड़ा में 26 शामिल हैं. इन आत्मसमर्पणों में कई नक्सलियों ने ‘नियद नेल्लानार’ योजना से प्रभावित होने की बात कही.
- इन आत्मसमर्पणों के परिणामस्वरूप, इन नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की सहायता और अन्य लाभ प्रदान किए गए.
बुनियादी ढांचे का विकास
बिजली: मार्च 2025 में आई खबरों के अनुसार, इस योजना के तहत बीजापुर के रेगड़गट्टा गांव में कई वर्षों बाद बिजली पहुंची. यह योजना के तहत विद्युतीकृत होने वाला सातवां गांव था, जिसमें लगभग 30 घरों को बिजली मिली. जिले के 64 गांवों को इस योजना के तहत कवर किया गया है, जिनमें से कई ग्रिड से जुड़े नहीं हैं.
सड़कें: रेगड़गट्टा गांव में बिजली पहुंचाने के लिए सड़क निर्माण भी शुरू किया गया, जिससे बिजली के खंभे और अन्य सामग्री ले जाना आसान हुआ. अन्य गांवों में भी सड़कों के निर्माण और मरम्मत की खबरें हैं, हालांकि विशिष्ट किलोमीटर का डेटा उपलब्ध नहीं है.
अन्य सुविधाएं: गांवों में पेयजल आपूर्ति (जैसे हैंडपंप), स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना/उन्नयन भी किया गया है. सुकमा के पुवर्ती गांव में सुरक्षा बलों द्वारा ‘नियद नेल्लानार’ के तहत एक फील्ड अस्पताल खोला गया.
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