छत्तीसगढ़ के कई जिलाें में आज बारिश के आसार हैं. वहीं बीते दिन प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश और ओले गिरे. इससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों तक प्रदेश में अधिकतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होने की संभावना जताई है. मौसम विभाग द्वारा आज भी कई जिलों में अंधड़ चलने, व्रजपात और ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई है. बीते 24 घंटों में सबसे अधिकतम तापमान दुर्ग में 39.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
मौसम विभाग के अनुसार एक उत्तर दक्षिण द्रोणिका उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से उत्तर तमिलनाडु 1.5 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। उत्तर-दक्षिण द्रोणिका उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों से ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण से विदर्भ, मराठवाड़ा, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु होते हुए दक्षिण तमिलनाडु तक औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर स्थित है. जिसके चलते आज कुछ इलाकों में हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. साथ ही अंधड़ चलने, वज्रपात होने और ओलावृष्टि होने की संभावना है.
आईएमडी रायपुर ने जानकारी दी कि 29 अप्रैल मंगलवार को राजधानी में दिन का पारा 38.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. इसी तरह रात का पारा 22.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य से 0.4 डिग्री अधिक था. पिछले 24 घंटों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई. प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस दुर्ग में और सबसे कम न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।प्रदेश में बारिश के चलते कई जिलों में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, अमरपुर, सेंवरा, भदौरा जैसे क्षेत्रों में मंगलवार को दोपहर बाद तेज आंधी और करीब 2 घंटे तक हुई ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. धान, गेहूं, सरसों, उड़द, मूंग, तेंदू, आम, जामुन, टमाटर, लौकी, भिंडी, बरबटी जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कई जगह ओलों की मोटी परतें सड़क और खेतों में जम गईं।
ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की सालभर की मेहनत बर्बाद हो गई। खेतों में खड़ी फसलें ही नहीं, बल्कि थ्रेसिंग के बाद रखी गई गेहूं की बालियां तक नष्ट हो गईं. कृषि विभाग ने प्रारंभिक आकलन शुरू कर दिया है और किसानों को जल्द मुआवजा देने का भरोसा जताया है.
हिन्दुस्थान समाचार