नई दिल्ली: राष्ट्रीय दलित एवं आदिवासी संगठन परिसंघ के आह्वान पर आज सुबह भारत बंद शुरू हो गया. इसका असर बिहार में दिखा है. राज्य के जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 83 को अवरुद्ध कर प्रदर्शन किया है. पूर्णिया में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. आरा रेलवे स्टेशन पर रानी कमलापति-सहरसा एक्सप्रेस को रोक दिया गया गया.
#WATCH पटना, बिहार: आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने विरोध जताते हुए भारत बंद का आह्वान किया।
SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित और बहुजन संगठनों द्वारा आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। pic.twitter.com/p5k4pMGVUh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 21, 2024
परिसंघ ने भारत बंद का आह्वान हाशिये पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर किया है. संगठन ने मांगों की एक सूची भी जारी की है. इसमें सबसे अहम अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग हैं. परिसंघ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायमूर्तियों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले से सहमत नहीं है. परिसंघ ने सरकार से एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर नए कानून की मांग की है.
बहुजन समाज पार्टी ने परिसंघ के देशव्यापारी भारत बंद का समर्थन किया है. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, विकासशील इंसान पार्टी सहित कई दलों ने समर्थन किया है. बिहार को कई जिलों में भारत बंद का असर दिखने लगा है. प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दी हैं.
आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है।
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 21, 2024
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारत बंद का समर्थन करते हुए एक्स पर लिखा है, ”आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है. ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा.”
हिन्दुस्थान समाचार