जगदलपुर: सर्व आदिवासी समाज एवं सर्व अनुसूचित जाति समाज ने सुप्रीम कोर्ट के एसटी-एससी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ आज बुधवार को बस्तर बंद कराया है.
बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर सहित सभी सातों जिलों में भी बंद का असर है, सुबह से ही सारी दुकानें बंद हैं. बंद के समर्थन में सर्व आदिवासी समाज एवं सर्व अनुसूचित जाति समाज के सदस्य सड़क पर उतरे हैं. बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद का समर्थन किया है.
आदिवासी समाज के बंद को देखते हुए बस्तर संभाग के सातों जिलों में पुलिस कड़ी व्यवस्था की गई हैं. जगदलपुर के हर चौक-चौराहे में जवानों की तैनाती की गई है. मेडिकल जैसी इमरजेंसी सेवाएं शुरू है. सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक बंद का आह्वान किया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी समाज के सदस्याें ने सुकमा जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर चक्का जाम कर दिया है. जगदलपुर से सुकमा के रास्ते आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जाने वाला मार्ग बाधित है. दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी है. इसके अलावा जगदलपुर-बीजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग-63 भी जाम है. यहां केशलूर के पास आदिवासी समाज के सदस्य सड़क पर बैठ गए हैं, जिससे वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है, राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह जाम है. इसके अलावा जगदलपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर आमागुड़ा चौक में समाज के सदस्यों की भारी भीड़ है, यहां भी जाम का प्रयास किया जा रहा है.
सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर का कहना है कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में कोटे के ऊपर कोटा और उपवर्गीकरण करते हुए क्रीमीलेयर लागू किया गया है. जिसके विरोध में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य मूल निवासियों ने बंद का आह्वान किया है, जिससे बसतर संभाग के सातों जिले बंद हैं.
हिन्दुस्थान समाचार