कोलकाता: कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आज विधानसभा में बड़ा विधेयक पास हो चुका है. बता दें कि विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही के दौरान एंटी रेप विधेयक पेश किया गया. इसका नाम ‘अपराजिता’ रखा गया है.
बता दें कि अपराजिता विधेयक का मुख्य उद्देश्य रेप पीड़ितों के दोषियों को त्वरित सुनवाई कर उन्हें कम समय में सख्त से सख्त सजा देना है. इस विधेयक के अंतर्गत 10 दिनों के भीतर मृत्युदंड (फांसी) की सजा को पुख्ता करने का प्रस्ताव दिया गया है. इस विधेयक का नाम अपराजिता वीमेन एण्ड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल अपराधिक कानून व संशोधन) बिल दिया गया है. इसका सीधा सा उद्देश्य रेप जैसे गंभीर मामलों में आरोपियों को जल्द से जल्द सजा तक पहुचाना है.
बता दें पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश हुए इस विधेयक काे बीजेपी के विधायकों ने भी समर्थन किया है, जिसे सदन से पास होने के बाद अब राज्यपाल के पास आगे की कार्रवाही के लिए भेज दिया जाएगा.
1. भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 में बलात्कार की सजा कम से कम 10 साल कारावास, जो आजीवन हो सकता है, और जुर्माने का प्रावधान है. लेकिन राज्य के संशोधन बिल में बलात्कार की सजा उम्रकैद या मृत्युदंड भी हो सकती है.
2. जुर्माने की राशि का उपयोग पीड़िता के इलाज और पुनर्वास के लिए किया जाएगा. यह राशि विशेष अदालत द्वारा निर्धारित समय के भीतर दी जानी चाहिए.
3. ‘अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल अपराध कानून संशोधन) बिल 2024’ में भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 को हटाने का प्रस्ताव है और अन्य धाराओं में भी बदलाव की बात कही गई है.
4. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में नई धारा जोड़ने का प्रस्ताव है, जिसमें ‘विशेष अदालत’ की स्थापना की बात कही गई है.
5. इन मामलों की सुनवाई राज्य के सत्र न्यायाधीश या अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा की जाएगी.
6. प्रत्येक जिले में एक ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ का गठन होगा, जिसका नेतृत्व पुलिस उप अधीक्षक करेंगे.
7. बलात्कार के मामलों की जांच महिला अधिकारियों द्वारा की जाएगी और जांच में जानबूझकर देरी करने वाले किसी भी व्यक्ति को 6 महीने तक की सजा और जुर्माना हो सकता है.
8. एफआईआर दर्ज होने के 21 दिनों के भीतर जांच समाप्त करने और चार्जशीट दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर सुनवाई समाप्त करने का प्रावधान है.
विधानसभा में इस बिल को लेकर अभी और चर्चा होगी, जिसमें विभिन्न दलों के नेता अपनी राय रखेंगे और बिल के प्रावधानों पर चर्चा करेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार