रायपुर: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने वर्ष 2024-25 के बजट के अंतर्गत पांच मंत्रियों के 13 विभागों में बजट की राशि के कम खर्च होने पर गुरुवार देर शाम यह चिट्ठी लिखी है. वित्त मंत्री चौधरी ने मंत्रियों से आग्रह किया है कि अपने विभाग में वे खर्च की गति बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा है कि बजट जिस अनुपात में खर्च किया जाना चाहिए था उस अनुपात में खर्च नहीं हो रहा है.श्री चौधरी ने मंत्रियों से कहा है कि 31 जुलाई 2024 तक लंबित सभी नियमित देयकों का भुगतान 30 सितम्बर 2024 तक करने के लिए कृपया अपने अधीनस्थों को निर्देशित करने का कष्ट करें.
वित्त मंत्री चौधरी ने मंत्रियों को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि बजट के निर्धारित मापदंड के अनुसार पूंजीगत व्यय के लिए प्रत्येक तिमाही के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और इसके अनुसार पूंजीगत व्यय होने से कार्यों में निरंतरता के साथ अर्थव्यवस्था को गति मिलती है.
वित्तमंत्री चौधरी ने गृहमंत्री विजय शर्मा को लिखे पत्र में कहा है कि वर्ष 2024-25 के बजट में आपके विभाग से संबंधित बजट में पूंजीगत व्यय के लिए किए गए प्रावधानों के विरूद्ध अगस्त माह तक गतवर्ष की तुलना में काफी कम व्यय हुआ है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 171 करोड़ तथा गृह विभाग में 31 करोड़ पूंजीगत व्यय हुआ है. विजय शर्मा के पास पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का भी प्रभार है. ज्ञात हो कि वित्त विभाग की ओर से विभागों के लिए निर्धारित व्यय सीमा के अनुसार प्रथम छह माह में 40 प्रतिशत (प्रथम तिमाही में 25 प्रतिशत एवं द्वितीय तिमाही में 15 प्रतिशत) व्यय किया जाना है.
वित्तमंत्री ने कहा है कि विभाग में पूंजीगत व्यय की योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में निरंतर व्यय तथा इसका नियमित पर्यवेक्षण किया जाना आवश्यक है. पूंजीगत व्यय अधिक होने से रोजगारों का सृजन तथा अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में गुणात्मक प्रभाव पड़ता है.
कृषि मंत्री रामविचार नेताम को लिखे पत्र में वित्तमंत्री चौधरी ने कहा है कि वर्ष 2024-25 के बजट में आपके विभाग से संबंधित बजट में पूंजीगत व्यय के लिए किए गए प्रावधानों के विरूद्ध अगस्त माह तक गतवर्ष की तुलना में काफी कम व्यय हुआ हैं. आदिमजाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग में 20 करोड़ एवं कृषि विकास और किसान कल्याण विभाग में 18 करोड़ पूंजीगत व्यय हुआ है.
वन मंत्री केदार कश्यप को वित्तमंत्री चौधरी ने पत्र लिखा और कहा है कि वर्ष 2024-25 के बजट में आपके विभाग से संबंधित बजट में पूंजीगत व्यय के लिए किए गए प्रावधानों के विरूद्ध अगस्त माह तक गतवर्ष की तुलना में काफी कम व्यय हुआ हैं. जल संसाधन विभाग में 655 करोड़ वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में 80 लाख पूंजीगत व्यय हुआ है. विभाग में पूंजीगत व्यय की योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में निरंतर व्यय तथा इसका नियमित पर्यवेक्षण किया जाना आवश्यक है.
वित्त मंत्री ने अनुरोध किया है कि कार्य योजना तैयार कर और नियमित पर्यवेक्षण के माध्यम से बजट लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है. इससे समय पर लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी और समग्र विकास की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
हिन्दुस्थान समाचार