डोडा/नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परिवारवाद की राजनीति पर हमला करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का इस बार का विधानसभा चुनाव तीन खानदानों और जम्मू-कश्मीर के युवाओं के बीच है.
जम्मू क्षेत्र के डोडा जिले में भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में आयाेजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री माेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आ रहा बदलाव हमारी सरकार की बीते 10 सालों की कोशिशों का नतीजा है. उन्होंने कहा कि हम और आप मिलकर जम्मू-कश्मीर को देश का एक सुरक्षित और समृद्ध हिस्सा बनाएंगे.
नया जम्मू-कश्मीर विकास की नई गाथा लिख रहा है। डोडा में उमड़ा ये जनसमूह साफ बता रहा है कि लोकतंत्र यहां के लोगों की रगों में है। भाजपा को आशीर्वाद देने आए सभी परिवारजनों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम। https://t.co/Dyk2ntG6vG
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2024
जम्मू कश्मीर का इस बार का विधानसभा चुनाव तीन खानदानों और जम्मू-कश्मीर के युवाओं के बीच में है.उन्होंने कहा कि एक खानदान कांग्रेस का है, एक खानदान नेशनल कॉन्फ्रेंस का है और एक खानदान पीडीपी का है. जम्मू-कश्मीर में इन तीन खानदानों ने मिलकर आप लोगों के साथ जो किया है वो किसी पाप से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से जो दुर्दशा हुई है, उसके लिए ये तीन परिवार जिम्मेदार हैं. वे भ्रष्टाचार में लिप्त रहे और आपको अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ा. इन परिवारों ने घाटी में आतंकवाद और उग्रवाद की नींव रखी. उन्होंने निजी लाभ के लिए आतंकवाद के प्रचार-प्रसार के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह प्रदान की.
उन्होंने कहा कि इस बार जम्मू-कश्मीर का चुनाव, जम्मू-कश्मीर का भाग्य तय करने वाला है. आजादी के बाद से ही हमारा प्यारा जम्मू-कश्मीर विदेशी ताकतों के निशाने पर आ गया. इसके बाद इस खूबसूरत राज्य को परिवारवाद ने खोखला करना शुरू कर दिया. यहां जिन राजनीतिक दलों पर आपने भरोसा किया, उन्होंने आपके बच्चों की चिंता नहीं की. उन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों को आगे बढ़ाया. जम्मू-कश्मीर के मेरे नौजवान आतंकवाद में पिसते रहे और परिवारवाद को आगे बढ़ाने वाली पार्टियां आपको गुमराह करके मौज काटती रहीं. इन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में नए नेतृत्व को कहीं भी, कभी भी उभरने ही नहीं दिया.
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए उस समय को याद किया जब यहां दिन ढलते ही अघोषित कर्फ्यू लग जाता था. उन्होंने कहा कि हालत ये थी कि तब कांग्रेस की केंद्र सरकार के गृहमंत्री तक लाल चौक जाने से डरते थे. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है. पिछले 10 साल में यहां जो बदलाव आया है, वो किसी सपने से कम नहीं है. जो पत्थर पहले पुलिस और फौज पर फेंकने के लिए उठते थे, उन पत्थरों से नया जम्मू कश्मीर बन रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार