नई दिल्ली: सिख समाज पर राहुल गांधी के बयान पर भाजपा लगातार हमलावर है. बुधवार को भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि सिख समाज को भड़काने और उनका अपमान करने वाला बयान राहुल गांधी की पारिवारिक विरासत है. इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस ने सिखों को सिर्फ़ तिरस्कृत किया और उनके साथ हिंसा की.
सिख समाज को भड़काने और उनका अपमान करने वाला बयान राहुल गांधी की पारिवारिक विरासत है। इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक, कांग्रेस ने सिखों को सिर्फ़ तिरस्कृत किया और उनके साथ हिंसा की।
भारत में किस सिख को पिछले दशक में या 1990 के दशक से, भाजपा शासित राज्यों में पगड़ी या कड़ा… pic.twitter.com/shR4Uafj6S
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 18, 2024
बुधवार को एक्स प्लेटफार्म पर अमित मालवीय ने कहा कि भारत में किस सिख को पिछले दशक में या 1990 के दशक से भाजपा शासित राज्यों में पगड़ी या कड़ा पहनने पर परेशानी का सामना करना पड़ा है? किस सिख को या सिखों को समुदाय के रूप में केवल एक बार खतरा और अलगाव महसूस हुआ था, वह तब जब राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने 1982 के एशियाई खेलों से पहले सभी सिखों को दिल्ली की ओर जाने से रोक दिया था और उन सभी को संभावित रूप से ‘खतरा’ करार दिया था.
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के निर्देश पर हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस ने बसों और कारों से सिखों को घसीटा और उनकी ‘पगड़ी और कड़ा’ से उनकी पहचान की. सिख पहचान और अस्तित्व पर अगला हमला राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने किया, जब उन्होंने बिना किसी तैयारी और जमीनी स्थिति को समझे बिना ही ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का आदेश दे दिया. उन्होंने ‘हरमंदिर साहिब परिसर पर हमला करवाया और अकाल तख्त पर बम विस्फोट’ करवाकर सिखों की धार्मिक भावनाओं को कुचल दिया. वह घाव अभी भी भरा नहीं है.
मालवीय ने कहा कि सिख समुदाय पर तीसरा बड़ा हमला इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ, जब कांग्रेस के गुंडों की भीड़ ने उनकी हत्याएं और उनके साथ लूटपाट की तथा मौत और विनाश का एक गहरा निशान छोड़ दिया – हजारों सिखों का नरसंहार किया गया. राहुल गांधी एक बार फिर उन घावों को कुरेद रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका में दो अलग-अलग विश्वविद्यालयों में अपने संबोधन में सिख समुदाय का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में उनकी धार्मिक आजादी छीनी जा रही है और राज्यों के बीच मतभेद पैदा किया जा रहा है यानी संघवाद की बुनियाद तोड़ी जा रही है.
हिन्दुस्थान समाचार