नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया को अंतरिम जमानत दे दी है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने सौम्या चौरसिया को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि हम मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं व्यक्त कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया कि वो अंतरिम जमानत के आदेश के आधार पर उसे दोबारा बहाल न करे. कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि सौम्या चौरसिया पहले ही एक साल नौ महीने जेल में गुजार चुकी हैं. इस मामले में सह आरोपितों को पहले ही ज़मानत मिल चुकी है. हालांकि, अभी तक मामले मे आरोप नहीं तय हुए हैं. कोर्ट ने कहा कि हम आर्थिक अपराध के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति रखते हैं लेकिन किसी को लंबे तक जेल में नहीं रखा जा सकता. हम अंतरिम ज़मानत दे रहे हैं.
कोर्ट ने कहा कि जमानत पर रहने के दौरान सौम्या चौरसिया गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी और ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगी. इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करना होगा और बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगी.
दरअसल, सौम्या चौरसिया को ईडी ने पांच सौ करोड़ से ज्यादा के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी का आरोप है कि सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और लेवी वसूली से रकम मिलती थी, जिससे उन्होंने संपत्ति अर्जित की. कोयला ट्रांसपोर्ट में 25 रुपये प्रति टन की लेवी ली जाती थी.
हिन्दुस्थान समाचार
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