नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ दर्ज एफआईआर में पार्टी की कोई भूमिका नहीं है.
बेंगलुरु की विशेष अदालत ने इलेक्टोरल बांड के जरिए उगाही की शिकायत पर एफआईआर का आदेश दिया था. हालांकि, कांग्रेस पार्टी पहले ही इस मुद्दे को उठाती रही है.
इलेक्टोरल बांड मामले में एक विशेष अदालत के आदेश पर बेंगलुरु में दायर एफआईआर पर आज डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया.
पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इलेक्टोरल बांड के तहत सभी पार्टियों को चंदा प्राप्त हुआ है लेकिन केवल भारतीय जनता पार्टी ने इसे गलत तरीके से प्राप्त किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ईडी सीबीआई और इनकम टैक्स का इस्तेमाल कर जबरन वसूली की है.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एफआईआर को दर्ज करने की एक प्रक्रिया है. इसमें एक फिल्टर होता है और जांच होती है और जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाती है. कुल आंकड़ा 8000 करोड़ है. उन्हें नहीं लगता कि वित्त मंत्री ने अकेले यह फैसला लिया है. यह फैसला शीर्ष अधिकारियों द्वारा लिया गया होगा.
उल्लेखनीय है कि कल बेंगलुरु में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा नेतृत्व, भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. खत्म की जा चुकी इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम में कथित तौर पर जबरन उगाही के मामले में विशेष अदालत के कहने पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी,
भारतीय जनता पार्टी का इस मामले में कहना है कि मामला राजनीति से प्रेरित है. इलेक्टोरल बॉन्ड नीतिगत मामला था. कांग्रेस के मुख्यमंत्री मुडा मामले में फंसे हुए हैं.
हिन्दुस्थान समाचार