दंतेवाड़ा: मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ दंतेवाड़ा से रियासत कालीन परंपरानुसार माई जी की डोली आज बस्तर दशहरा के लिए रवाना की जाएगी. दंतेश्वरी शक्तिपीठ दंतेवाड़ा मंदिर के पुजारी हरेंद्रनाथ जिया ने बताया कि इस वर्ष शारदीय नवरात्र अष्टमी की तिथि 2 दिन होने के कारण मां दंतेश्वरी की डोली आज विधि विधान से पूजा अर्चना कर बस्तर दशहरा में शामिल हाेने के लिए रवाना किया जाएगा, जिसकी पूरी तैयारी कर ली गई है.
परंपरानुसार बस्तर दशहरा में शामिल होने मांई जी की छत्र एवं डोली जगदलपुर रवाना होने से पूर्व, मंदिर के समक्ष सशस्त्र जवानों द्वारा हर्ष फायर कर मांईजी की डोली को सलामी दी जायेगी. इसके बाद मांईजी की डोली को मंदिर में पूजा अर्चना पश्चात डंकिनी नदी के किनारे जज बंगले के सामने निर्धारित स्थल पर लाया जायेगा. जहां एक बार पुन: सशस्त्र जवानों द्वारा हर्ष फायर कर मांईजी की डोली को सलामी देकर विशेष सुसज्जित वाहन से जगदलपुर के लिए प्रस्थान किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि पंचमी तिथि पर भैरवबाबा से अनुमति मिलने के बाद बस्तर दशहरा में शामिल होने आदि शक्ति मां दंतेश्वरी की डोली अपना स्थान छोड़ पटसार पहुंचती हैं. इसी परंपरा को निभाते हुए मंदिर के मुख्य पुजारी ने माता की डोली को परंपरानुसार 6 अक्टूबर काे पंचमी तिथि की सुबह विशेष पूजा-अर्चना के बाद चंदन घिसकर कपड़े से बनी मूर्ति को डोली में विराजित किया. इसके बाद छत्र व त्रास के साथ डोली को गर्भ-गृह के बाहर पटसार में लाकर रखा गया. मांई जी की डोली 11 अक्टूबर काे में बस्तर दशहरा में शामिल होने जगदलपुर रवाना होगी. रास्ते में आंवराभाटा, डिलमिली में रूकेगी जहां पूजा विधान के बाद रवाना हाेगी. डोली के साथ पुजारी, मांझी, मुखिया, समरथ, सेठिया, नाईक आदि सेवादार भी रवाना होंगे.
हिन्दुस्थान समाचार