नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को विजयादशमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सुकना कैंट में शस्त्र पूजा की और सेना के जवानों के साथ त्योहार मनाया. उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, क्योंकि हमारे दिल में किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं है. हमने केवल तभी युद्ध लड़ा है, जब किसी देश ने हमारी अखंडता और संप्रभुता का अनादर किया है. शस्त्र की पूजा करना एक प्रतीक है, जिसे जरूरत पड़ने पर पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जा सकता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को सुकना कैंट पहुंचे थे। उन्हें सिक्किम के गंगटोक में एक अग्रिम स्थान पर सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में जाना था लेकिन गंगटोक में खराब मौसम के कारण वह वहां नहीं पहुंच सके, इसलिए रक्षा मंत्री ने सुकना में सैन्य प्रतिष्ठान से वर्चुअल मोड में अपना संबोधन दिया था. रात में उन्होंने सैन्य अधिकारियों के सेना के प्रतिष्ठित ‘बड़ाखाना’ में शामिल हुए और सभी के साथ भोजन किया. रक्षा मंत्री ने आज पश्चिम बंगाल के सुकना कैंट में शस्त्र पूजा पूजा करके दशहरा पर्व मनाया, जो हथियारों और सैन्य कर्मियों के लिए आशीर्वाद मांगने का एक पारंपरिक समारोह है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी जानते हैं कि आज का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. जब भगवान राम ने बुराई के रावण पर विजय प्राप्त की तो यह मानवता की जीत थी. रक्षा मंत्री ने कहा कि हम देख सकते हैं कि सीमाओं पर हमारे सशस्त्र बलों की सतर्क उपस्थिति के कारण किसी भी घटना की संभावना नहीं है. इसके बावजूद जो हालात चल रहे हैं, उसमें हम पड़ोसियों की ओर से किसी भी संभावित शरारत को नजरअंदाज नहीं कर सकते. रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि वैश्विक परिदृश्य चाहे जो भी हो, तैयारी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. हम सभी को सभी विकल्पों के साथ हमेशा सक्रिय रूप से तैयार रहना चाहिए। हमें राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृढ़ रहना चाहिए, यही हमारी जरूरत है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके बाद कनेक्टिविटी और रणनीतिक तत्परता बढ़ाने के लिए 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ की 75 परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं वर्चुअली राष्ट्र को समर्पित कीं, जिससे एक अधिक सुरक्षित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा कि सिक्किम की पावन भूमि से यह प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है. जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिज़ोरम और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह के ये सभी 75 प्रोजेक्ट देश की सीमाओं को मजबूत करने और इन इलाकों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने में हमारी प्रतिबद्धता के बड़े प्रतीक हैं.
उन्होंने कहा कि अगर मैं पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र की बात करूं, तो इस क्षेत्र में ऐसे अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो यहां के लोगों के लिए जीवन-रेखा साबित हो रहे हैं। मैं ऐतिहासिक सेला सुरंग भी शामिल करता हूं, जो यहां के विकास की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण परियोजना है, यह सुरंग, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है। इसी प्रकार हमने भारत-चीन सीमा पर सड़कों और पुलों का निर्माण करके संचालन की दृष्टि से अच्छी प्रगति की है। पिछले साल जब अक्टूबर में विनाशकारी बादल फटने की दुर्घटना ने सिक्किम के जन-जीवन को प्रभावित किया था तो ऐसे समय में हमारे बीआरओ के जवान बड़ी मुस्तैदी के साथ सामने आए और उन्होंने बड़ी तेजी से यहां की कनेक्टिविटी बहाल करके आपदा प्रबंधन में बड़ी मदद की थी.
हिन्दुस्थान समाचार