सूरत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत का विकास दुनिया के लिए सुखदायक है. क्योंकि यह युद्ध करने वाला देश नहीं है. उन्होंने कहा कि हम मार नहीं खाते लेकिन किसी को मारते भी नहीं हैं. इस दौरान उन्होंने कारगिल युद्ध का भी जिक्र किया.
दो दिवसीय दौरे पर बुधवार शाम को गुजरात के सूरत पहुंचे डॉ. भागवत ने गुरुवार सुबह वेसू में चातुर्मास कर रहे जैन आचार्य महाश्रमण से मुलाकात की. इसके बाद डॉ. भागवत भगवान महावीर कॉलेज में जैन आचार्य महाश्रमण की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र कर कहा कि भारत का मूल स्वभाव एवं संस्कृति अलग है. कारगिल युद्ध का जिक्र कर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत पर जब हमला किया तो भारत चाहता तो पूरे पाकिस्तान पर आक्रमण कर सकता था लेकिन सेना को आदेश था कि बॉर्डर क्रॉस नहीं करना.
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि हमारे साथ युद्ध करने वालों को भी संकट के समय हम मदद देते हैं. सबकी आत्मा समान है. जीवन जीना सबका समान होना चाहिए. एक का जीवन यदि बिगड़ता है तो कई को दुख होता है। हमारी संस्कृति में यह शामिल है कि हमारे साथ युद्ध करने वालों को भी हम संकट के समय मदद देते हैं.
भारतीय संस्कृति की विशेषता का उल्लेख करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि हम कभी किसी के साथ युद्ध नहीं करते हैं लेकिन यह भी तय है कि हम किसी से मार नहीं खाते हैं, वहीं किसी को मारने का भी प्रयास नहीं करते हैं. हमारे पूर्वजों ने हमलोगों के समक्ष ऐसे कई उदाहरण पेश किए हैं. भारत ने आज तक किसी के विरुद्ध युद्ध पैदा करने की चेष्टा नहीं की। भारत ने हमेशा विशाल हृदय रखा है. हमारी जो स्थिति है उसे इसी तरह सुधारने की जरूरत है जिससे कि किसी को तकलीफ नहीं हो. उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति को देखकर घबराने की जरूरत नहीं है. जो भी समस्या है उसे हम सभी को मिलकर समाधान निकालना चाहिए। दुनिया हमसे बहुत सीखेगी.
हिन्दुस्थान समाचार