बिलासपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण को लेकर चिंता जताते हुए हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. डीजे और धमाल के शोर से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं ध्वनि प्रदूषण को लेकर के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन भी नहीं हो पा रहा था. इसको लेकर के छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में लगातार सुनवाई चल रही है. आज इस मामले को लेकर सुनवाई होनी है.
हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच इस मामले में लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है, इसके बावजूद भी पिछले दिनों दुर्गा विसर्जन में डीजे और धमाल वालों की मनमानी सामने आई. शहर की सड़क में निर्धारित ध्वनि 75 डेसीबल से कहीं ज्यादा शोर होता रहा. वही 4 सितंबर 2014 को हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करने में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर ने जानकारी दी थी कि 24 मामले दर्ज किया गया है. 19 सितंबर 2024 की सुनवाई में जस्टिस रमेश सिंवही और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की डबल बेंच ने 19 सितंबर 2024 की सुनवाई में महाधिवक्ता के माध्यम से प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि ध्वनि प्रदूषण के संबंध में सकारात्मक और प्रभावी कदम उठाए जाए और उच्चतम न्यायालय के जारी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए पिछले आदेशों का पालन किया जाए. वहीं पूरे राज्य में ध्वनि प्रदूषण की निगरानी की जाय.
हिन्दुस्थान समाचार