नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मामले पर सुनवाई से पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि 15 सितंबर से 17 अक्टूबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 1289 और हरियाणा में 601 घटनाएं हुई हैं. आयोग ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा पराली जलाने पर रोक लगाने में असफल रहे हैं. आयोग ने दोनों राज्यों के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.
16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं के लिए दोषी लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को तलब किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों को जिस तरह से मामूली जुर्माना लगा कर छोड़ा जा रहा है, उससे पराली जलाने की घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं.
कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से कहा था कि वो उसके निर्देशों पर अमल न करने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करे. कोर्ट ने कहा था कि आयोग का कोई भी सदस्य वायु प्रदूषण के मामलों से निपटने के योग्य नहीं है. क्या आपने आईआईटी जैसे किसी विशेषज्ञ एजेंसी को जोड़ा है. तब केंद्र सरकार की ओर से बताया गया था कि उन्होंने एनईआरई के विशेषज्ञों को लिया है. तब कोर्ट ने कहा था कि हमने देखा है कि बैठक में बहुत से लोग मौजूद नहीं रहते हैं. अगर ऐसे सदस्य हैं तो वे कमेटी में रहने के लायक नहीं हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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