बलरामपुर: जिले में दीपावली की तैयारियां जोरो पर है। त्याेहारी महीने को लेकर बाजार सज चुके हैं. नगर के बाजार में खरीदारी शुरू हो गई है. जिले वासियों में दीपोत्सव को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मिट्टी और गोबर के दीए बना रही है. इन दीयों से इस बार कई घर रोशन होंगे.
रामानुजगंज के एसआरएलएम सेंटर में प्रगति वन समूह की महिलाएं बीते चार वर्षों से दीपावली पर्व पर मिट्टी और गोबर के दीए बना रहीं है. कोरोना काल से समूह की महिलाएं लोकल फॉर वोकल पर जोर दे रहीं है. मिट्टी और गोबर से बने दीये विलुप्त होने के कगार पर हो गए है. समूह की महिलाओं के इस योगदान से नगर में मिट्टी के दीए खरीदने का ट्रेंड बढ़ गया है. जिससे नगर के छोटे व्यापारियों को त्यौहारी सीजन में अच्छा मुनाफा भी होता है.
मिट्टी के रंग बिरंग के दीए को बाजार में स्टाॅल लगाकर, डोर टू डोर होम होम डिलीवरी करके उससे जो भी आमदनी होती है उससे महिलाओं की आर्थिक सहायता मिल जाती है. जिससे वे अपने दीपावली अच्छे से मना पाती है. महिलाएं इससे अब आत्मनिर्भर भी बन रही है.
स्व सहायता समूह की अध्यक्ष लाखो पुरी ने बताया कि, हमलोग नगर पंचायत के द्वारा डोर टू डोर काम लिए हैं. हम चार साल से दीपावली पर्व पर दीया बना रहे हैं. दीया बनाकर उसे मार्केट में बेचते हैं. हमारी समूह में 28 सक्रिय महिलाएं सदस्य हैं. प्रतिदिन 1-2 घंटे बैठकर दीया बनाते हैं और उसमें रंग भरते हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग मिट्टी और गोबर दोनों का दीया बनाते हैं। हमलोग ऑर्डर पर भी दीया बनाते हैं। इससे लगभग हर साल 10 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है.
हिन्दुस्थान समाचार