छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में दुर्गा नगर निगम द्वारा श्री राधा कृष्ण गोदाम जिले का नंबर-1 आत्मनिर्भर गौधाम के गाय के गोबर और गोमूत्र से तरह-तरह की चीज बना रहे हैं. इस बार यहां गाय के गोबर के दिये और तरह-तरह की मूर्तियां तैयार की जा रही है. श्री राधा कृष्ण गौशाला की संचालिका गायत्री ने बताया हमारे पास 500 संरक्षित गाय हैं, जिनसे प्रतिदिन गोबर एकत्र कर तरह-तरह की देवी-देवताओं की मूर्तियां और दिये बनाए जाते हैं. दिवाली को ध्यान में रखते हुए गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्तियां भी बनाई जा रही हैं. साथ ही दिये बनाए जा रहे हैं. अब तक हमें 5 लाख दिये बनाने का आर्डर मिल चुका है. उन्होंने बताया कि इनमें से एक लाख दिये केवल और केवल अयोध्या के लिए बनाए गए हैं. बाकी दिए दुर्ग भिलाई, राजनांदगांव, मध्य प्रदेश, राजस्थान और विदेशों तक भेजे जा रहे हैं. कल्याणम महिला स्वास्थ्य सहायता समूह की हमारी बहनें प्रतिदिन हजार से अधिक गोबर के दिये बनाती हैं.
Shri Radha Krishna Gaushala का गठन 2020 में हुआ है
आपको बता दें कि वर्ष 2020 से जब से इस संस्थान का गठन हुआ है. यहां गोबर से दिये, धूपबत्ती आदि का उत्पादन किया जा रहा है. पिछले तीन से पांच वर्षों से गोबरों की इतनी मांग थी कि हम इसकी आपूर्ति नहीं कर पा रहे थे. यह गोबर के दिये केवल न केवल पूरे राज्य में बल्कि अन्य राज्यों और विदेशों तक भेजे जाते थे. लेकिन पिछले 1 साल से गोबर से बने दिये और उत्पादों की मांग में भारी कमी आई है. संगठन के गौसेवक देवाशीष घोष ने कहा कि गाय के गोबर और खाद से बने दिये की मांग में कमी हो गई है, हम लोगों से यह अपील करना चाहते हैं कि किसी के मन में भी अगर गौ माता के प्रति यह भावना है कि गाय मेरी माता है तो हम सीधे तौर पर यह अपील करना चाहते हैं कि वह अपने घरों में गाय के उत्पादों का इस्तेमाल करें .
श्री राधा कृष्ण गौशाला कई लोगों को दे रही है रोजगार
स्वयं सहायता समूह की सदस्य रानी यादव ने बताया की मूर्ति और दिये बनाने के लिए गाय के गोबर से चुना पाउडर, मुल्तानी मिट्टी और पानी के रूप में गोमूत्र मिलाया जाता है. दिये बनाने से कुछ आय भी हो रही है.