छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग करके किया गया था. छत्तीसगढ़ देश का 26वां राज्य है. आज इस राज्य ने 24 साल पूरे कर लिए हैं. यह राज्य मध्य प्रदेश के दक्षिण पूर्व के हिस्से से अलग होकर बना है. यह मध्य प्रदेश का करीब 30% हिस्सा था. राज्य गठन के समय पांच संभाग में 16 जिला हुआ करते थे. इन 24 सालों में इन जिलों की संख्या दुगने से भी ज्यादा बढ़ गई है. छत्तीसगढ़ साथ राज्यों से घिरा हुआ है, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, झारखंड और उत्तर प्रदेश.
छत्तीसगढ़ नाम कैसे पड़ा, जानिए इसके नाम के पीछे का इतिहास
छत्तीसगढ़ के गठन के समय इस क्षेत्र में 36 गढ़ थे. इसलिए इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा. हालांकि गढों की संख्या बढ़ने के बावजूद भी इसके नाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बता दें कि छत्तीसगढ़ भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे महतारी (मां) का दर्जा दिया गया है. यह राज्य वैष्णव, शैव,शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों के विभिन्न कालों के प्रभाव में रहा है.छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम ‘दक्षिण कौशल” था. ऐतिहासिक शिलालेख, साहित्य और विदेशी यात्रियों के लेखों में इसकी पुष्टि की गई है. हालांकि आधुनिक दस्तावेज में ‘छत्तीसगढ़’ नाम का प्रथम प्रयोग 1795 में किया गया था.
छत्तीसगढ़ का इतिहास
छत्तीसगढ़ प्राचीन काल में ‘दक्षिण कौशल’ का एक हिस्सा था और पहले इसकी राजधानी सिरपुर थी. इसका इतिहास पौराणिक काल के दौरान का है. आपको बता दें कि पौराणिक काल का कौशल प्रदेश, दो भाग में बंटा हुआ था, उत्तर कौशल और दक्षिण कौशल. पहले जो दक्षिण कौशल था वह वर्तमान में छत्तीसगढ़ कहलाता है.
धान का कटोरा कहलाता है छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान प्रदेश है. यह मुख्य रूप से अपनी कृषि कार्यों के लिए प्रसिद्ध है. जो लगभग 80% कार्य बल के लिए जिम्मेदार है. आपको बता दें की सबसे ज्यादा चावल की उत्पत्ति के कारण, यह ‘धान का कटोरा’ के नाम से प्रसिद्ध है.
छत्तीसगढ़ में बहती है गंगा-दक्षिण गंगा
छत्तीसगढ़ राज्य में महानदी, गंगा, गोदावरी और नर्मदा नामक चार प्रमुख नदियां बहती हैं. इसके साथ ही साथ महानदी, शिवनाथ, अर्पा, इंद्रावती, साबरी,लीलागार, हसदो, पैरी, और सोंदूर प्रमुख नदियां भी शामिल है.
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध त्योहार
छत्तीसगढ़ में त्योहारों को तीहार कहा जाता है. यहां अलग-अलग जनजातियां विभिन्न प्रकार के त्योहारों को मनाया करती हैं. जिसमें बस्तर दशहरा, बस्तर लोकोउत्सव, राजिम कुंभमेला, कोरिया मेला, फागुन मडई, मडई महोत्सव, गोंचा महोत्सव, तीजा महोत्सव, पोला महोत्सव और अन्य त्योहार भी शामिल है.
खनिज संसाधन से भरपूर है छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ राज्य में कोयला, लोहा, अश्क और डोलोमाइट जैसे खनिजों का प्रमुख उत्पादन होता है. इसके अलावा इस राज्य में बॉक्साइट, चूना पत्थर और कार्ड साइट के पर्याप्त भंडार भी मौजूद है. छत्तीसगढ़ राज्य में भारत के टिन असिएंट भंडार का 35.4% हिस्सा है. यह प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहां टिन कंसंट्रेट्स का उत्पादन होता है.