बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बुधवार काे जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण पांच प्रकरणों को एक साथ निराकृत कर दिया है. बिलासपुर सहित प्रदेश भर में स्ट्रीट लाइट के बंद रहने, साफ सफाई और सरकारी अस्पताल से डॉक्टर के नदारत रहने के मामले में स्वत संज्ञान लेकर उसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया था. इन सब मामलों में हाई कोर्ट के दिए आदेश के परिपालन में प्रदेश सरकार और जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की तरफ से शपथ पत्र पेश किया गया। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की युगल पीठ ने सभी मामलों में सख्त हिदायत देते हुए याचिकाओं को निराकृत कर दिया.
दरअसल चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डबल बेंच ने जिले में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस सहित व्यापार विहार के ऑक्सीजोन में कचरा, स्ट्रीट लाइट न लगने से सड़कों और गलियों में अंधेरा, जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बंद होने, तुर्काडीह के सरकारी स्कूल में करंट के मामलों में स्वतः संज्ञान लिया था. इन सब मामलों में लगातार सुनवाई चल रही थी। कोर्ट के निर्देश के बाद व्यवस्था दुरुस्त की गई। प्रदेश सरकार और संबंधित विभाग के अधिकारियों के शपथपत्र पेश किए जाने और आदेश के परिपालन से संतुष्ट होकर सभी याचिकाओं को निराकृत किया। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश में प्रदेश सरकार को लगातार मॉनिटरिंग करने और लोगों को राहत पहुंचाने की हिदायत भी दी। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत, उपमहाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने शासन की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें बताया गया कि याचिका में उल्लेखित समस्याओं पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रमाणों सहित प्रस्तुत की गई। सन्तुष्ट होकर कोर्ट ने इन तमाम प्रकरणों को निराकृत कर दिया है.
हिन्दुस्थान समाचार