धमतरी: अगर आपने अब तक रसोई गैस कनेक्शन का ई-केवाइसी तथा गैस पाईप का सेफ्टी चेक नहीं कराया है और तो जल्द ही यह दोनों काम करा लें नहीं तो आपका कनेक्शन जल्द कट सकता है. इन दिनों गैस कंपनियां ई-केवाइसी व सेफ्टी चेक के लिए जागरुकता कार्यक्रम चला रही है.
घरेलू उपभोक्ता अब तक गैस कनेक्शन का ई-केवाइसी तथा गैस पाईप का सेफ्टी चेक कराने गंभीर नहीं हो पाए हैं. ई-केवाइसी नहीं होने के कारण ऐसे हजारों कनेक्शन के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है. पेट्रोलियम कंपनियां अभियान चलाकर ई-केवाइसी कर रही है. 60 फीसदी कनेक्शन का ही ई-केवाइसी हो पाया है. पिछले कुछ वर्षाें में धुआं मुक्त चूल्हा जलाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. लकड़ी व कंडे पर आश्रित रहे लोगों को केन्द्र से उज्जवला योजना के साथ गैस सिलेंडर मिलना शुरू हुआ और जागरूकता शुरू हुई. इसके बाद अन्य लोगों ने भी गैस सिलिंडर लेना शुरू किया और अब गांवों में भी बड़ी संख्या में रसोई गैस उपभोक्ता हो चुके हैं. सालों से रसोई गैस का उपयोग कर रहे उपभोक्ता अभी भी सेफ्टी और ई-केवाइसी को लेकर ज्यादा जागरूक नहीं हुए है. इन दिनों इसी बात को लेकर पेट्रोलियम कंपनियां परेशान है. गैस एजेसियों में ई-केवाइसी की शुरूआत हुई, तो लोग आधार कार्ड, बैंक अकाउंट व गैस कार्ड लेकर घंटों अलसुबह से देर रात तक लाइन लगाते थे, लेकिन अब ई-केवाइसी कराने वालों की संख्या कम हो गई है.
ई-केवाइसी व सेफ्टी जांच अनिवार्य
धमतरी गैस धमतरी के संचालक मोहन अग्रवाल ने बताया कि उज्जवला गैस और सामान्य गैस कनेक्शनधारी करीब 40 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ई-केवाइसी नहीं कराया है. 60 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ही ई-केवाइसी कराया है. ई-केवाईसी नहीं कराने वालों में ग्रामीण कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है. जबकि 95 प्रतिशत शहरी उपभोक्ता करा चुके हैं. वहीं सेफ्टी जांच अभी तक सिर्फ 12 प्रतिशत कनेक्शनधारियों ने कराया है, जबकि यह जांच जरूरी है. गैस एजेंसियों के मुताबिक अभियान चलाकर प्रत्येक उपभोक्ताओं की सेफ्टी जांच का प्रयास किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या न हो. गैस एजेंसियों के अनुसार जो अब तक ई-केवाइसी एवं सेफ्टी जांच नहीं कराए है, उनके कनेक्शन कभी भी बंद हो सकते हैं. कुछ कंपनियों में बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में ई-केवाइसी नहीं कराने वाले उपभोक्ता तत्काल ई-केवाइसी करा लें और कनेक्शन सुरक्षित रखें.
हिन्दुस्थान समाचार
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