नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा के 29 नवम्बर से शुरू होने जा रहे ‘शीतकालीन सत्र’ में प्रश्नकाल रखने की मांग की है. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को लिखे पत्र में विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि इस साल जितने भी सत्र रखे गए, उनमें से किसी एक में भी ‘प्रश्नकाल’ का प्रावधान नहीं रखा गया. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में विधानसभा के सत्रों में ‘प्रश्नकाल’ का न रखना जनप्रतिनिधियों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सातवीं विधानसभा के पांचवें सत्र के रूप में आगामी 29 नवंबर से आरंभ होने जा रहे ‘शीतकालीन सत्र’ में आम आदमी पार्टी (आआपा) की सरकार ने प्रश्नकाल का प्रावधान नहीं रखा है. उन्होंने कहा कि विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के प्रति उत्तरदायी होते हैं और यह सदन ही एक ऐसा मंच है, जिसके माध्यम से सभी विधायक प्रश्नकाल में अपने – अपने क्षेत्र की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हैं और उसके समाधान की मांग करते हैं। यदि सत्र में प्रश्नकाल ही नहीं रखा जाएगा तो विधायक अपनी समस्याओं को कैसे सरकार के सामने उठाएंगे। इसके अलावा हमने अल्पावधिक चर्चा और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों को भी विधानसभा की कार्यवाही में शामिल करने और इसमें विधायकों की सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.
विधानसभा अध्यक्ष से नेता प्रतिपक्ष ने मांग की है कि वह लोकतांत्रिक भावनाओं और व्यवस्थाओं का सम्मान करते हुए आगामी विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल का प्रावधान सुनिश्चित करवायें ताकि जनप्रतिनिधि के रूप में सदन में उपस्थित सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन के समक्ष उठाने का अवसर प्राप्त हो सके.
हिन्दुस्थान समाचार