रायपुर: अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर आज मंगलवार छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ मरीन ड्राइव से मुख्यमंत्री निवास तक पैदल स्वाभिमान मार्च करने जा रहे है. संघ की प्रमुख मांग है कि संघ के शिकायती पत्रों में उल्लेखित समस्त फर्जी दिब्यांगजनों का राज्य मेडिकल बोर्ड से दिब्यांगता का परीक्षण कराकर फर्जी दिव्यांग शासकीय कर्मियों को बर्खास्त किया जाए.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 21 तरह के दिव्यांग दर्ज हैं. जिनकी संख्या 7 लाख से अधिक है.सात लाख से अधिक दिव्यांगों में अस्थि बाधित, दृष्टि, श्रवण और मुख बाधितों की संख्या अधिक है.बढ़ती महंगाई के बाद भी दिव्यांगों को सिर्फ 5 सौ रुपये ही मासिक पेंशन दिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्हें शैक्षेणिक, आर्थिक, आरक्षण, नौकरी, स्वरोजगार जैसी सुविधा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है.समाजसेवी गार्गी पांडेय के अनुसार राज्य में 33 जिले हैं.लेकिन राज्य के 21 जिलों में ही अभी दिव्यांगों के लिए स्पेशल स्कूल है. कई जिलों में पाँचवीं, कई जिलों में आठवीं और कुछ जिलों में 12वीं तक स्कूल हैं. इन स्कूलों में पर्याप्त सीटें नहीं है. यही नहीं दिव्यांगों के लिए पूरे प्रदेश सिर्फ एक ही विशेष कॉलेज है. स्कूलों में शिक्षकों की संख्या भी सिर्फ गिनती में हैं, कहीं-कहीं तो 5 सौ अधिक बच्चों के लिए सिर्फ एक ही टीचर है.
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उनके प्रतिनिधिमंडल के द्वारा शासन- प्रशासन के उच्च अधिकारी तथा उपमुख्यमंत्रियों और मंत्रियों से मिलकर छह बिंदु पर मांग रखा जा चुका है. छब्बीस अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री जी के द्वारा संघ के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा किया गया. मांग को एक माह के अंदर पुक करने का आश्वासन दिया गया .बावजूद इसके तीन माह बीत जाने के बाद भी कोई मांग पूरी नहीं हुई है. संघ ने विरोध स्वरूप आज मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का विरोध करते हुए काली पट्टी लगाकर शासन के खिलाफ दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च निकलकर शासन-प्रशासन की नाकामियों एवं दिव्यांग जन के साथ हो रहे अत्याचार और दिव्यांग कोटे में फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई की मांग करते हुए रायपुर से मुख्यमंत्री निवास तक पैदल यात्रा करने जा रहे हैं.
दिव्यांग संघ की मांग है कि उनके लिए विशेष भर्ती अभियान चलाकर अतिशीघ्र शासकीय पदों के विज्ञापन निकाल कर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए. शासकीय दिव्यांग कर्मियों को पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण दिया जावे और बेरोजगार दिव्यांगों को बिना गारंटी लोन दिलाया जाये तथा कोरोना पूर्व दिये गये समस्त ऋण माफ़ किया जावे. संघ ने दिव्यांग जनों को प्रतिमाह 5000 मानसिक पेंशन दी जाए और बीपीएल की बाध्यता खत्म की जाए. संघ की अन्य अन्य प्रमुखमांगों में 18 वर्ष से ऊपर के अविवाहित दिव्यांग युवती-महिलाओं को महतारी वंदन योजना में शामिल किये जाने तथा दिव्यांग जन विशेष भर्ती अभियान चलकर अति शीघ्र शासकीय पद के लिए विज्ञापन जारी किये जाने की मांग शामिल हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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