मुंबई/नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है. आरबीआई ने पहले आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में वास्तविक जीडीपी 5.4 प्रतिशत रही, जो अनुमान से बहुत कम है.
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यहां मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.6 प्रतिशत करने का फैसला 4:2 के बहुमत से लिया गया है. उन्होंने बताया कि विकास दर घटने की वजह औद्योगिक वृद्धि दर में भारी गिरावट थी, जो पहली तिमाही में 7.4 प्रतिशत से घटकर दूसरी तिमाही में 2.1 प्रतिशत रह गई. उन्होंने बताया कि इसका कारण विनिर्माण कंपनियों का कमजोर प्रदर्शन, खनन गतिविधियों में कमी और बिजली की कम मांग थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि औद्योगिक गतिविधि सामान्य होने और पिछली तिमाही के निचले स्तर से उबरने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीडीपी दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशतकर दिया है. चौथी तिमाही के लिए विकास दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. इसके साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए विकास दर के अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है. चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.4 प्रतिशत रही है, जबकि अप्रैल-जून पहली तिमाही में जीडीपी 6.7 प्रतिशत थी.
हिन्दुस्थान समाचार