नई दिल्ली: सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ए.के. सूद ने मंगलवार को घोषणा की कि देश में 1 जनवरी से वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन योजना शुरू होगी. इस योजना के तहत विश्वविद्यालयों और आईआईटी सहित राज्य-वित्तपोषित उच्च शिक्षा संस्थानों के लगभग 1.8 करोड़ छात्रों को फायदा होगा. ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’ पहल के तहत 1 जनवरी से दुनिया भर की शीर्ष पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध पत्रों तक पहुंच प्राप्त होगी.
नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ए.के. सूद ने कहा कि ओएनओएस पहल के पहले चरण के तहत शोधकर्ताओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, गणित, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान को कवर करने वाली 13,400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इस पहल के तहत, 451 राज्य स्तर के सार्वजनिक विश्वविद्यालय, 4,864 कॉलेज, राष्ट्रीय महत्व के 172 संस्थान, 6,380 उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थानों में शामिल होंगे, जिन्हें एल्सेवियर, स्प्रिंगर नेचर और विले सहित 30 प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित शीर्ष पत्रिकाओं तक पहुंच प्राप्त होगी.
सूद ने कहा कि इस पहल से सभी विषयों के छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के विशाल समूह तक विद्वानों की पत्रिकाओं तक पहुंच का विस्तार होगा, जिसमें टियर 2 और टियर 3 शहरों के छात्र भी शामिल हैं, जिससे देश में कोर के साथ-साथ अंतःविषय अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा.” इस पहल को तीन साल की अवधि के लिए 6,000 करोड़ रुपये की लागत से एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में शुरू किया गया है.
क्या है वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई योजना है, जिसका उद्देश्य विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों तक देश भर में पहुंच प्रदान करना है. सरकार के अनुसार इस योजना के लिए पात्र सभी लोगों को पूरी तरह डिजिटल और उपयोग में आसान प्रक्रिया मुहैया जाएगी. इस योजना के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह धनराशि अगले वर्ष से शुरू होकर 2027 के अंत तक तीन कैलेंडर वर्षों के लिए उपलब्ध होगी यानि इसमें 2025, 2026 और 2027 को कवर किया जाएगा. इस योजना को हाल ही में मंजूरी दी गई है.
हिन्दुस्थान समाचार