बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के बलौदाबाजार हिंसा के मामले में जेल होने के बाद विविध अपराधिक याचिका पेश की गई है. जिसकी गुरुवार को सुनवाई करते हुए जज नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बैंच में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस को गंभीरता से सुना, इसके बाद इस पूरे मामले में जज ने फैसला सुरक्षित रख दिया है, ऐसे में देवेंद्र यादव को जमानत मिलेगी या नहीं इस पर अब भी संशय बना हुआ है. इस पूरे मामले में 9 दिसंबर 2024 को पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस व्यास की बैंच ने केस डायरी मंगाई गई थी. इसके साथ ही राज्य के अधिवक्ता को निर्देश दिया था कि वे हलफनामा दाखिल करें कि घटना के कारण आम जनता को कितना नुकसान हुआ है..?
दरअसल छत्तीसगढ़ के भिलाई विधायक देवेंद्र यादव बीते 4 महीनों से बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में हैं। यह हिंसा 10 जून को बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट परिसर में हुई थी, जिसमें आगजनी और तोड़फोड़ के आरोप लगाए गए थे. यादव को 17 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था. उनकी जमानत को लेकर बलौदा बाजार सत्र न्यायालय में भी सुनवाई हुई है. देवेंद्र यादव की जमानत को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है. कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, बलौदाबाजार हिंसा मामले में 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 21 गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.10 जुलाई 2024 को गिरफ्तार हुए आरोपियों की जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी हैं, जिससे यादव की जमानत पर भी संशय गहरा गया है.
452 पन्नों की चार्ज शीट..;
बलौदा बाजार हिंसा मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने जिला सत्र न्यायालय में देवेंद्र यादव के खिलाफ 452 पन्नों की चार्ज शीट पेश की. देवेंद्र यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की 21 विभिन्न धारा के तहत साजिश रचने, जान से मारने की कोशिश, आगजनी और शासकीय संपत्ति को नुकसान सहित 21 गंभीर आपराधिक आरोप लगे है.
हिन्दुस्थान समाचार