Zakir Hussian: तबले पर अपनी अंगुलियों की थाप छोड़ तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का आज सुबह 73 की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से पूरे कला जगत शोक में डूब गया है. जाकिर को तबले का जादू विरासत में अपने पिता अल्ला रक्खा खान से प्राप्त हुआ, जो खुद भी एक मशहूर तबला वादक थे. जाकिर खान ने अपने तबले की थाप से पूरा विश्व में लोगों के मनों पर राज किया. अपनी कला और प्रतिभा से उन्होंने पूरे विश्व में अपना नाम गूंजने पर मजबूर कर दिया. पूरे जीवन काल में उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, आइए उन पर नजर डालते हैं-
पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी हुए सम्मानित
जाकिर हुसैन को कला के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए साल 1988 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया. साल 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित हुए और हाल ही में साल 2023 में पद्म विभूषण को सम्मान उनके नाम दर्ज हुआ. गौरतलब है कि जाकिर हुसैन को अपने करियर में 7 बार ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया, जिनमें से चार बार उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
11 साल की उम्र में किया पहला कॉन्सर्ट
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. उनका पहला कॉन्सर्ट 11 साल की उम्र में अमेरिका में हुआ था. यहीं से उन्होंने खुद को कला के क्षेत्र में स्थापित करना शुरु कर दिया. 1973 में उनका पहला एलबम “लिविंग इन द मैटेरियल वल्ड्र “आया.