नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समाज में महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेंडर की सुरक्षा के लिए कानूनों पर अमल सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2025 में करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट वुमन लॉयर्स एसोसिएशन की दायर याचिका में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए ‘केमिकल कैस्ट्रेशन’ तक की सजा का प्रावधान किए जाने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि जिस तरह की सजा की मांग कर रही हैं, वो बर्बर हो सकती है. हम देखेंगे कि मौजूदा कानून में कहां खामी है लेकिन जहां तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार के लिए दिशा-निर्देश तय किए जाने की मांग है, ये अपने आप में अहम विषय है. इस पर सख्ती से अमल होना चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार