नई दिल्ली: क्या मस्जिद के अंदर जय श्री राम का नारा लगाना अपराध है, इस पर सुप्रीम कोर्ट जनवरी, 2025 में सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इसे अपराध न मानने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अभी नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अर्जी की कॉपी राज्य सरकार को देने को कहा है.
इस केस में आरोप था कि दो लोग कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के ऐथुर गांव में पिछले साल बदरिया जुम्मा मस्जिद में घुस आए और उन्होंने वहां जय श्री राम के नारे लगाए. साथ ही धमकी दी कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को शांति से नहीं रहने देंगे. पुलिस ने दोनों लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 447 (ट्रेसपास) और 506 (आपराधिक धमकी) समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. अभी जांच जारी ही थी कि आरोपितों ने राहत के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था. कर्नाटक हाई कोर्ट ने 13 सितंबर को इसे अपराध न मानते हुए दोनों लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में दर्ज केस को खत्म कर दिया था.
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह समझ से परे है कि अगर कोई ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाता है तो इससे किसी वर्ग की धार्मिक भावना कैसे आहत होगी. जब शिकायतकर्ता खुद कहता है कि इलाके में हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के साथ रह रहे हैं तो इस घटना के चलते कोई माहौल बिगड़ेगा, इसकी संभावना नहीं है.
हिन्दुस्थान समाचार