नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद में धर्म संसद के मामले पर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण को हाई कोर्ट जाने को कहा.
प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि इस बात की संभावना है कि वहां मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बातें होंगी. उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स और समाजसेवियों की तरफ से याचिका दायर की गई थी. इस धर्म संसद का आयोजन यति नरसिंहानन्द फाउंडेशन की ओर से किया गया है. धर्म संसद का आयोजन गाजियाबाद के डासना में शिव शक्ति मंदिर परिसर में 17 दिसंबर से 21 दिसंबर तक हाेना है.
याचिका दायर करने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय, पूर्व आईएएस अशोक कुमार शर्मा, पूर्व आईएफएस देब मुखर्जी और नवरेखा शर्मा इत्यादि ने शामिल थे. याचिका में गाजियाबाद जिला प्रशासन और उप्र पुलिस के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही चलाने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले के मुताबिक प्रशासन को किसी भी सांप्रदायिक भाषण और हेट स्पीच के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी है लेकिन इस आयोजन को तो इजाजत ही दी गई है. इसके पहले हरिद्वार में हुए धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद यति नरसिंहानंद समेत दूसरे लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की गई थी.
हिन्दुस्थान समाचार