नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित तमाम नेताओं ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 101वीं जयंती पर नई दिल्ली स्थित सदैव अटल स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा उन शीर्ष नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पोस्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि. उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में निरंतर शक्ति का संचार करता रहेगा.
Today, on Atal Ji’s 100th birth anniversary, penned a few thoughts on his monumental contribution to our nation and how his efforts transformed many lives.https://t.co/mFwp6s0uNX
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए एक लेख भी लिखा. लेख में मोदी ने वाजपेयी के साथ बिताए पलों की तस्वीरें भी साझा कीं. इसमें उन्हें 21वीं सदी में भारत के परिवर्तन का वास्तुकार बताया, जिसने देश की आर्थिक वृद्धि के लिए मंच तैयार किया. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने जो कदम उठाए, उसने देश को एक नई दिशा, नई गति दी. 1998 के जिस काल में उन्होंने पीएम पद संभाला, उस दौर में पूरा देश राजनीतिक अस्थिरता से घिरा हुआ था. 9 साल में देश ने चार बार लोकसभा के चुनाव देखे थे. लोगों को शंका थी कि ये सरकार भी उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाएगी. ऐसे समय में एक सामान्य परिवार से आने वाले अटल जी ने देश को स्थिरता और सुशासन का मॉडल दिया. भारत को नव विकास की गारंटी दी.
मोदी ने कहा कि वह एक ऐसे राजनेता के रूप में प्रतिष्ठित हैं जो अनगिनत लोगों को प्रेरित करते रहते हैं. उनके जैसे भाजपा के असंख्य कार्यकर्ताओं को उनसे सीखने का, उनके साथ काम करने का, उनसे संवाद करने का अवसर मिला. अगर आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है तो इसका श्रेय उस अटल आधार को है, जिसपर ये दृढ़ संगठन खड़ा है. उन्होंने भाजपा की नींव तब रखी, जब कांग्रेस जैसी पार्टी का विकल्प बनना आसान नहीं था. उनका नेतृत्व, उनकी राजनीतिक दक्षता, साहस और लोकतंत्र के प्रति उनके अगाध समर्पण ने भाजपा को भारत की लोकप्रिय पार्टी के रूप में प्रशस्त किया। लालकृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गजों के साथ उन्होंने पार्टी को अनेक चुनौतियों से निकालकर सफलता के सोपान तक पहुंचाया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी सत्ता और विचारधारा के बीच एक को चुनने की स्थितियां आईं, उन्होंने इस चुनाव में विचारधारा को खुले मन से चुन लिया. वो देश को ये समझाने में सफल हुए कि कांग्रेस के दृष्टिकोण से अलग एक वैकल्पिक वैश्विक दृष्टिकोण संभव है. ऐसा दृष्टिकोण वास्तव में परिणाम दे सकता है. आज उनका रोपित बीज, एक वटवृक्ष बनकर राष्ट्र सेवा की नव पीढ़ी को रच रहा है.
मोदी ने कहा कि वाजपेयी की जयंती, भारत में सुशासन के एक राष्ट्र पुरुष की जयंती है. उन्होंने इस अवसर पर वाजपेयी के सपनों को साकार करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करें, जो सुशासन, एकता और गति के अटल सिद्धांतों का प्रतीक हो. उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वाजपेयी जी के सिखाए सिद्धांत ऐसे ही, हमें भारत को नव प्रगति और समृद्धि के पथ पर प्रशस्त करनें की प्रेरणा देते रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. वे तीन बार प्रधानमंत्री रहे। वाजपेयी को 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था.
हिन्दुस्थान समाचार