नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय, पूर्ण सैन्य सम्मान और सिख परंपरा के साथ अंतिम संस्कार किया गया. डॉ. सिंह की सबसे बड़ी पुत्री उपिंदर कौर ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी. इससे पहले उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और सिख धर्मगुरुओं और परिवार के सदस्यों ने गुरबाणी का पाठ किया.
निगम बोध घाट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, मॉरीशस के विदेशमंत्री धनंजय रामफुल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री जेपी नड्डा, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी, तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे. कई केंद्रीय मंत्री, राजनयिक और अन्य गण्यमान्य लोग भी अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने पहुंचे। सभी ने श्रद्धासुमन अर्पित किए.
सिंह के अंतिम संस्कार समारोह में हिस्सा लेने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल,कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कई पूर्व केंद्रीयमंत्री भी निगम बोध घाट पहुंचे.
इससे पहले कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड, नई दिल्ली से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकली. कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी. डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर फूलों से सजे वाहन पर रखा गया. उसके साथ चल रहे लोगों ने कांग्रेस मुख्यालय से निकलने पर रास्ते में “मनमोहन सिंह अमर रहें” के नारे लगाए। इस दौरान “जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक तेरा नाम रहेगा” के नारे भी गूंजे. सिंह के पार्थिव शरीर को आज सुबह 9 बजे से कुछ पहले 3, मोतीलाल नेहरू रोड स्थित उनके आवास से एआईसीसी मुख्यालय लया गया.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उम्र संबंधी चिकित्सा जटिलताओं के कारण 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का वास्तुकार कहा जाता है। सिंह ने 2004 से 2014 के बीच 10 वर्ष तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में पूरे देश में सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है। इस दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.
हिन्दुस्थान समाचार