श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को अपना महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (स्पेडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित समय सोमवार रात दस बजे इसे लॉन्च कर दिया गया. इसरो ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इस मिशन के जरिए भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है.
इसरो के अनुसार, स्पाडेक्स मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान (प्रत्येक का वजन लगभग 220 किग्रा) पीएसएलवी-सी60 द्वारा स्वतंत्र रूप से और एक साथ, 55 डिग्री झुकाव पर 470 किमी वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किये जाएंगे, जिसका स्थानीय समय चक्र लगभग 66 दिन का होगा.
इसरो ने इस साल की शुरुआत अंतरिक्ष में एक्सरे किरणों का अध्ययन करने वाले मिशन एक्सपोसेट की लॉन्चिंग के साथ की थी. इसके कुछ ही दिन बाद अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य’ में कामयाबी हासिल की. अब वर्ष का अंत भी भारत ऐसे मिशन की लॉन्चिंग के साथ कर रहा है, जो अंतरिक्ष में देश के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को अपने बलबूते हासिल करने के लिए बेहद जरूरी है. इन लक्ष्यों में चंद्रमा से नमूने लाना, और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण शामिल है.
स्पेडेक्स मिशन के साथ ही भारत डॉकिंग और अनडॉकिंग क्षमता प्रदर्शित करने का चौथा देश बनेगा. इस समय दुनिया में सिर्फ तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन अंतरिक्षयान को अंतरिक्ष में डाक करने में सक्षम हैं. बता दें कि अंतरिक्षयान से दूसरे अंतरिक्षयान के जुड़ने को डाकिंग और अंतरिक्ष में जुड़े दो अंतरिक्ष यानों के अलग होने को अनडाकिंग कहते हैं.
मिशन के तहत श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार रात 10 बजे पीएसएलवी-सी60 रॉकेट ने दो छोटे अंतरिक्षयानों के साथ उड़ान भरी. हालांकि पहले लॉन्चिंग रात 9.58 बजे निर्धारित थी. लेकिन बाद में उसे दो मिनट देरी से लॉन्च किया गया. इसरो ने इसको लेकर अपडेट में कहा था, ‘प्रक्षेपण का दिन आ गया है. रात ठीक 10 बजे स्पेडेक्स पीएसएलवी-सी60 प्रक्षेपण के लिए तैयार है.’
इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने कहा कि “मैं स्पाडेक्स मिशन के लिए पीएसएलवी-सी60 के सफल प्रक्षेपण की घोषणा करता हूं. रॉकेट ने उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित कर दिया है. पीएसएलवी परियोजना की पूरी टीम को बधाई.” उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित किया, इसके अलावा, स्पैडेक्स टीम ने दो छोटे उपग्रह बस आर्किटेक्चर का उपयोग करके एक बहुत ही अभिनव, नवीन, लागत प्रभावी डॉकिंग प्रदर्शन मिशन में काम किया.”
हिन्दुस्थान समाचार