रायपुर: प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए राज्य सरकार विशेष अभियान चलाएगी. उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने विजय शर्मा ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ हुई कार्रवाई का आंकड़ा पेश करते यह जानकारी दी.
उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने शुक्रशार काे मीडिया को बताया है ऐसे संदिग्धों की जांच की जा रही है, जो कि बिना किसी दस्तावेज और पहचान के ही अलग-अलग जगहों पर रह रहे हैं. ऐसे लोग छत्तीसगढ़ से बाहर जाते हैं तो भी उन्हें ट्रेस कर लिया जाएगा. उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ हुई कार्रवाई का आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि दो हजार से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। संदिग्धों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों की जांच की जा रही है. प्रदेश में बिना किसी पहचान पत्र के रहने वालों की धरपकड़ के लिए गृह विभाग जल्द ही एसओपी (स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी करने की तैयारी कर रहा है.
शासन के अनुसार राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर अनुशंसा के आधार पर बने आधार कार्डों की जानकारी मांगी है. फर्जीवाड़े में शामिल जनप्रतिनिधियों पर भी कार्रवाई हो सकती है. इसके बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.प्रदेश से बाहर गए बांग्लादेशी घुसपैठियों का नंबर बंद आ रहा है, जिसके बाद पुलिस ने आईएमईआई नंबर के आधार पर उन्हें ट्रेस कर रही है। अधिकांश बांग्लादेशी घुसपैठिए फेरी लगाने का काम करते थे या तो फैक्ट्रियों में काम करते थे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गृह विभाग को दुर्ग जिले में 1500 बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के होने की जानकारी मिली है। भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में सैकड़ों श्रमिक ठेके पर काम कर रहे हैं, जिनके पास कोई नागरिक संबंधित दस्तावेज नहीं है.
दुर्ग जिले के अतिरक्त पुलिस अधीक्षक एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस दौरान हथखोज में 200 घरों की तलाशी ली गई,21 संदिग्ध लोगों से फिलहाल पूछताछ की जा रही है। सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है.
विगत माह भिलाई-तीन थाने की पुलिस को जांच के दौरान हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया नई बस्ती में 33 संदिग्ध लोग मिले, जो पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश सीमा के पास के रहने वाले थे. पुलिस ने सभी को चेतावनी देकर छोड़ दिया था. राजनांदगांव जिले के मोहला-मानुपर में भी पुलिस ने संदिग्धों को पकड़ा था, जो आठ माह से अवैध रूप से निवासरत थे.कोंडागांव जिले में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के संदेह में विगत माह 40 से अधिक संदिग्धों को पकड़ कर कोर्ट में पेश किया था. यहां से केंद्रीय जेल भेजा गया था. गृह विभाग के पास ऐसे 58 लोगों की भी सूची है, जो पश्चिम बंगाल से बस्तर आए हैं. पुलिस इनकी तलाश कर रही है.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लेकर सवाल किया था कि कितने घुसपैठियों पर अब तक कार्रवाई हुई है? विजय शर्मा ने तब भी कहा था कि कोई बिना अपनी पहचान बताएं छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकता। डिप्टी सीएम ने कहा था कि कवर्धा, दुर्ग–भिलाई के साथ बलौदाबाजार और अन्य जगहों पर कार्यवाही हुई है और आगे भी ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी रहेगी.
हिन्दुस्थान समाचार