खिचड़ी या पोंगल को बहुत ही स्वादिष्ट और पेट के लिए हल्का माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन आमतौर पर ज्यादातर घरों में इसे बनाया जाता है. क्या आप जानते हैं कि इसके फायदे शरीर में पनपने वाली कई बीमारियों को खत्म कर सकते हैं. यह साल का पहला त्यौहार और किसानों का त्यौहार है. कोई भी त्यौहार विशेष व्यंजनों के बिना पूरा नहीं होता. हर त्यौहार की एक खास रेसिपी होती है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार भी मनाया जाता है. तमिलनाडु में इस त्यौहार पर पोंगल खाने की परंपरा है. इस दिन लोग अपने घरों में स्वादिष्ट पोंगल बनाते हैं और परिवार के साथ खाने का आनंद लेते हैं.
आप भी सोच रहे होंगे कि मकर संक्रांति पर पोंगल क्यों बनाया जाता है? मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है. चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है, दालों को शनि का प्रतीक माना जाता है और सब्जियों को बुध का प्रतीक माना जाता है. माना जाता है कि यह सुपरफूड ग्रहों की स्थिति को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है.खिचड़ी या पोंगल भारत के हर हिस्से में खाया जाने वाला भोजन है. इसे बनाना आसान है. जीभ के लिए एक स्वाद. स्वस्थ. भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है. खिचड़ी आमतौर पर दाल और चावल के साथ बनाई जाती है लेकिन इसमें स्वाद और पोषण जोड़ने के लिए कुछ सब्जियों और घी का उपयोग किया जा सकता है. खिचड़ी, पोंगल या कर्नाटक की मशहूर बिस्बेले बात यह एक ऐसी डिश है जो सभी लोगों को बहुत पसंद आती है. इसे पचाना भी आसान है, जिससे यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक अच्छा व्यंजन है.
पोंगल में पोषक तत्वों का भंडार
पोंगल एक उच्च पोषण वाला भोजन है. विभिन्न सब्जियों और बाजरे-चावल के मिश्रण से बने पोंगल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, स्वस्थ वसा सहित संतुलित मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जिनकी आपके शरीर को आवश्यकता होती है.
पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है
पोंगल एक ऐसा व्यंजन है जो बेहतर पाचन में मदद करता है और पचाने में आसान होता है. खिचड़ी में केवल चावल और दालें ही मुख्य सामग्री होती हैं, जिसके कारण यह आसानी से पच जाती है. आपकी आंतों की दीवारों में जो जलन अन्य खाद्य पदार्थों के सेवन के दौरान होती है, वह पोंगल खाने के दौरान नहीं होती है.
आयुर्वेद सम्मत
पोंगल, खिचड़ी या बिस्बेले स्नान का सेवन प्राचीन काल से किया जाता रहा है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता है और आपके शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है. खिचड़ी को त्रिदोष निवारक के नाम से जाना जाता है. क्योंकि इसमें तीन तत्वों या तीन दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने की क्षमता होती है.
शरीर को अंदर से साफ करता है
पोंगल शरीर को भीतर से शुद्ध करने में मदद करता है. कुछ खाद्य पदार्थ शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा कर देते हैं. शरीर को डीटॉक्स करने के लिए लोग तरह-तरह का खाना खाते हैं. इसकी जगह आपको पोंगल खाना चाहिए। कम ही लोग जानते हैं कि पोंगल आपके शरीर को बहुत आसानी से डीटॉक्सीफाई करता है.
वजन नियंत्रण में सहायक
चूंकि पोंगल में कैलोरी और वसा कम होती है, इसलिए यह वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है. यह शरीर में आसानी से पच जाता है और इसमें उच्च फाइबर सामग्री के कारण लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है. अगर आपका वजन कम हो रहा है तो अपने आहार में खिचड़ी/पोंगल/बिस्बेलेबाट को जरूर शामिल करें.
मधुमेह को रोका जा सकता है
साबूदाना खिचड़ी मधुमेह को रोकने में मदद करती है. साबूदाना खिचड़ी एक व्यंजन है जो भीगे हुए साबूदाने से बनाया जाता है. साबूदाना शरीर में इंसुलिन को बनाए रखने में मदद करता है. इससे मधुमेह को रोकने में मदद मिलती है.
(लेखक, हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं।)
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