कोंड़ागांव: छत्तीसगढ. के कोंड़ागांव में टेक्निकल टीम एरिया कमेटी कमाण्डर के रूप में नक्सली संगठन में सक्रिय पांच लाख के इनामी नक्सली कमाण्डर गिंजरू राम उसेण्डी ने गुरुवार को आत्मसर्पण किया है.
इसी क्रम में आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोंड़ागांव में जिला कोणडागांव, कांकेर, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा व बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय एवं उत्तर बस्तर डिविजन अंतर्गत टेक्निकल टीम एरिया कमेटी कमाण्डर के रूप में काम कर रहे 45 वर्ष नक्सली संगठन में सक्रिय पांच लाख इनामी नक्सली कमाण्डर गिंजरू राम उसेण्डी उर्फ कमलदास उसेण्डी निवासी ग्राम राये थाना आमाबेड़ा, जिला कांकेर ने काेंड़ागांव एसपी वाय अक्षय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.उसे प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये प्रदाय किया गया. इसके अतिरिक्त शासन की पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
राज्य में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत समय-समय पर सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित ग्रामों में सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रदाय सुविधाओं के लाभ की जानकारी बैनर/पोस्ट/पाम्पतेट आदि के माध्यम से अवगत कराते रहते हैं. इसके परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में नक्सली स्वयं आगे बढ़कर शासन के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ लेने को आत्मसमर्पण कर रहे हैं.
पुलिस के अनुसार आत्मसमर्पित उत्तर बस्तर डिविजन अंतर्गत टेक्निकल टीम एरिया कमेटी कमाण्डर गिंजरू राम उसेण्डी उर्फ कमलदास उसेण्डी नक्सली संगठन के विभिन्न पद काम किया। वह सन् 1998 से 2001 तक जनमिलिशिया सदस्य के पद पर रहा. सन् 2005 से 2007 तक किसकोडो दलम सदस्य रहा। सन् 2008 से 2011 तक बुधयारमारी एलओएस कमाण्डर के पद पर रहा. सन् 2011 से 2016 तक पूर्वी बस्तर डिविजन टेक्निकल विभाग में कार्य किया। सन् 2016 से 2024 तक उत्तर बस्तर डिविजन अंतर्गत टेक्निकल टीम एरिया कमेटी कमाण्डर के रूप में कार्य किया है।र्ष 2001 में थाना नारायणपुर अंतर्गत ग्राम गुरिया आस-पास पुलिस बल के ऊपर फायरिंग में घटना में शामिल रहा। यही नहीं वह वर्ष 2001 में रेकी करते हुए नारायणपुर पुलिस द्वारा देशी कट्टा व चाकू के साथ गिरफ्तार किया था। वर्ष 2012 में कैम्प उदानपुर थाना कोयलीबेड़ा जिला कांकेर बीएसएफ कैम्प हमले में शामिल रहा। वर्ष 2013 में कैम्प राणापाल थाना मर्दापाल जिला कोण्डागांव सीआरपीएफ कैम्प हमले में शामिल रहा.
इसके साथ ही जिला कोण्डागांव, कांकेर, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा व बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न मुठभेड़ों में शामिल रहा है. वह भरमार बंदूक बनाने व हेण्ड ग्रेनेड बनाने, देशी लांचर बनाने के साथ-साथ अन्य हथियारों का रिपेरिंग का कार्य करने में विशेष माहरत है.
हिन्दुस्थान समाचार