तेलंगाना की सीमा से लगे हुए एक बड़े पहाड़ के पीछे नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना माना गया है. जहां उनकी बटालियन और नक्सलियों की गतिविधियां पहले भी देखी जा चुकी है. छत्तीसगढ़ पुलिस को जानकारी मिली थी कि नक्सलीय इलाके में जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए एक योजना बना रहे हैं. जिसके बाद एक बड़े सर्चिंग ऑपरेशन का निर्णय लिया गया.आपको बता दे की 16 जनवरी को यह ऑपरेशन सुकमा के़ डीआरजी जवानों के साथ शुरू किया गया था. जवानों ने जंगल के भीतर तीन तरफ से नक्सलियों को घेर लिया. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ हुई.नक्सलियों ने हथियारों से जवानों पर फायरिंग की जबकि जवानों ने जवाबी कार्रवाई की मुठभेड़ का यह सिलसिला शाम 5:00 बजे तक चलता रहा.
उसके तुरंत बाद ही जवानों ने सर्चिंग अभियान चलाया और 12 नक्सली के शव बरामद कीए, हालांकि इसकी अभी तक आधुनिक पुष्टी नहीं की गई है. ठंड के कारण जंगलों में अंधेरा जल्दी होने लगाता है, जिसके कारण जवानों ने रात भर इलाके को घेर कर रखा और सर्चिंग अभियान रुका रहा.पुलिस के सूत्रों के अनुसार सुबह होते ही यह सर्चिंग ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया और इस दौरान आंकड़े में वृद्धि की संभावना है.
पुलिस अधिकारियों का यह मानना है कि इस इलाके में मुठभेड़ के बाद भी नक्सलियों के छुपे होने या आसपास अन्य शैली समूह के होने की संभावना बनी हुई है ऐसे में फिर से मुठभेड़ होने की आशंका जताई जा रही है जवानों के लिए यह ऑपरेशन चुनौती पूर्ण है क्योंकि उन्हें न केवल दुश्मन से लड़ना पड़ता है बल्कि जंगल के कठिन इलाके में भी खुद को सुरक्षित बनाए रखना होता है.