बीजापुर: जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में 9 फरवरी को हुई मुठभेड़ में नक्सलियों की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 21 मारे गए साथियों की पहचान की पुष्टि की गई है. नक्सलियों के दक्षिण सब ज़ोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने बयान जारी कर इन मौतों की निंदा की और इसे हत्याकांड करार दिया है.
उन्होंने कहा कि इस हमले में उनके कई साथी निहत्थे थे और कुछ ग्रामीण भी मारे गए। मारे गए नक्सलियों में कलमु उंगाल (डीवीसी सचिव), ओयम सुभाष (एसीएम), हेमला मंगु (पीपीसीएम), माड़वी बजनी (एसीएम), आपका सोनू (एसीएम), उईका सोम्बारू (पीएम), कुड़ियम रमेश (पीएम), कड़ती मल्ली (पीएम), पोयम मैनी (पीएम), हेमला ज्योति (पीएम), पोटाम केशा (पीएम), मझी राजू (पीएम), माड़वी सोनू (पीएम), देशु (पीएम), पूनेम रघू (पीएम), मड़काम सुकमति (पीएम), कुडियम मुन्नी (पीएम), माड़वी संजति (पीएम), पूनेम मैनी (पीएम), पोड़ियम शांति (पीएलजीए सदस्य), कुम्मा संजय (पीएलजीए सदस्य) शामिल हैं. नक्सलियों ने इस मुठभेड़ के विरोध में 18 फरवरी को बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में बंद का आह्वान किया है. नक्सल संगठन ने जनता, जनवादी संगठनों, मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों से इस बंद को समर्थन देने की अपील की है.
नक्सलियों ने अपने बयान में राज्य और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि “कगार” नाम से चलाए जा रहे सैन्य अभियानों के तहत आदिवासियों और ग्रामीणों का नरसंहार किया जा रहा है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि 1 फरवरी को बीजापुर के तोड़का कोर्चिल गांव में पुलिस ने 24 ग्रामीणों को गोली मारकर घायल किया और 8 की हत्या कर दी. 16 जनवरी को सिंगनपल्ली गांव में चार ग्रामीणों को मारा गया और महिलाओं पर अत्याचार किया गया. नेशनल पार्क क्षेत्र से 72 गांवों को खाली करने के लिए दबाव डाला जा रहा है.
पुलिस अधीक्षक डाॅ. जीतेंद्र कुमार ने शनिवार काे जानकारी देते हुए कहा कि नक्सलियों के बंद की घाेषणा के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर है. बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस के इस अभियान से नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है और उनके प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षा बलों का दबदबा बढ़ा है. उनका कहना है कि वे आदिवासियों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं और नक्सलियों के दुष्प्रचार से जनता को गुमराह नहीं होना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि 9 फरवरी को हुई मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए थे. इस गोलीबारी में सुरक्षा बलों के दो जवान शहीद हो गए, जबकि दो अन्य घायल हो गए थे. पुलिस ने मारे गए 31 नक्सलियाें में से 28 नक्सलियाें की शिनाख्त एक कराेड़ 10 लाख के इनामी नक्सली के ताैर पर की है.
हिन्दुस्थान समाचार