नई दिल्ली: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि चुनाव आयुक्त का चयन करने के लिए गठित समिति की बैठक में सोमवार को उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की चयन प्रक्रिया पर असहमति व्यक्त की थी. इसके बावजूद आधीरात को जिस तरह से सीईसी का चयन किया गया, यह अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है.
राहुल गांधी ने आज एक बयान में कहा कि अगले चुनाव आयुक्त का चयन करने वाली समिति की बैठक के दौरान मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को एक असहमति पत्र प्रस्तुत किया था. इसमें कहा गया था कि कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त एक स्वतंत्र चुनाव आयोग का सबसे बुनियादी पहलू चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया है. इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर मोदी सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को और बढ़ा दिया है.
राहुल ने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब आंबेडकर और हमारे राष्ट्र के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने का आधी रात को निर्णय लेना अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है जबकि समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है और इस पर 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है.
हिन्दुस्थान समाचार
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