Rajim Kumbh Kalp 2025: प्रयागराज के महाकुंभ के साथ अब छत्तीसगढ़ में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमर गया है. छत्तीसगढ़ के राजिम शहर में राजिम कुंभ कल्प एक भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो हर साल आयोजित किया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. यहां भगवान विष्णु का एक मंदिर है, जो की तीन नदियों (महानदी, पैरी और सोंढुर) के संगम पर बना हुआ है. राजिम एक प्राचीन स्थान है. जो कि अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्वता के लिए प्रसिद्ध है.
यह मेला माघ पूर्णिमा से शुरु होकर महाशिवरात्री तक चलता है. जहां देशभर से संत-महात्मा, श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. इस वर्ष यह आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा.
यह मेला महानदी, पैरी, और सोंढुर नदियों के संगम पर आयोजित किया जाता है. इसी कारण यह संगम छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहलाता है. इस मेला के कारण ही छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा और लोक संस्कृति का जीवंत प्रमाण मिलता है.
राजिम कुंभ का इतिहास
राजिम को लेकर कोई पक्का इतिहास मौजूद नहीं है लेकिन राजिम के कुलेश्वर मंदिर से जुड़ी एक कथा प्रचलित है. इस कथा के अनुसार ब्रह्मांड के निर्माण के समय भगवान विष्णु कि नाभि से कमल पत्ते पृथ्वी पर गिरे थे जिसके चलते वह क्षेत्र पद्म या कमल क्षेत्र में बदल गया. राजिम का कुलेश्वर मंदिर इन सभी क्षेत्रों का केंद्र बना. जिसके चारों ओर पांच शिवलिंग स्थापित किए गए.
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