Shatan Devi Mandir: छत्तिसगढ़ राज्य ऐतिहासिक और धार्मिक देवालयों का प्रदेश है. यहां हर मंदिर एक कहानी से जुड़ा है. ऐसा ही एक मंदिर छत्तिसगढ़ के रतनपुर किले के पास स्थित है, जो की अपनी गहरी आस्था और शक्ति उपासना के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर माता शाटन देवी को समर्पीत है. इस मंदिर की अनोखी परंपराओं और मान्यताओं से आकर्षित होकर लोग यहां दर्शन करने आते हैं.
आइए जानतें हैं मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें-
1.रतनपुर में बना ये मंदिर माता शाटन को समर्पित है, यहां के स्थायी लोग इसे ‘बच्चों का मंदिर’ भी कहते हैं. इस नाम के पीछे की मान्यता यह है कि जो भी यहां संतानप्राप्ती की इच्छा लेकर पहुंचता है, उसे माता की कृपा से संतान की प्राप्ती हो जाती है.
2. मंदिर की एक अपनी परंपरा है. जैसे सभी मंदिरों में जहां देवी देवताओं को प्रसाद मिठाई, मेवे, फल और नारियल आदि का भोग लगता है वहीं इस मंदिर में माता को लौकी और तेंदू की लकड़ियां प्रसाद या चढ़ावे को तौर पर चढ़ाई जाती हैं.
3. माता शाटन की कृपा पर भक्तों का अटूट विश्वास है. भक्त अपनी संतान प्राप्ती की इच्छा लेकर माता के दरबार पहुंचते हैं और मां उनपर अपनी कृपा बरसाती हैं और उन्हें सनतान की प्राप्ती होती है.
4. मनोकामना पूर्ण होने पर और बच्चे के जन्म के बाद लोग यहां वापस आते हैं और मंदिर में लौकी और तेंदू की लकड़ियों का प्रसाद चढ़ाते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.
5. माता शाटन देवी के मंदिर को लेकर ये भी मानयता है कि यहां मांगी गई सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसी कारण से इस मंदिर का नाम मन्नतों का मंदिर भी है. यहां लोग अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh Famous Temples: दुर्ग के धमधा में स्थित है ये अनोखा देवालय, मिट्टी के ज्योति कलश से हो रहा निर्माण