छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में एसीबी-ईओडब्ल्यू टीम की सुकमा, छिंदगढ़, कोंटा, रायगढ़, पुसौर, सारंगढ़, बीजापुर, जगदलपुर, गीदम, दंतेवाड़ा समेत 16 जगहों पर एक साथ छापेमारी पूर्ण हो चुकी है. इसमें वन विभाग के डीएफओ, सहायक आयुक्त और डीएमसी के घरों पर करोड़ों की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं.
वन, शिक्षा और आदिवासी विकास विभाग के तीन अधिकारियाें के बंगले, ऑफिस और करीबियों ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है. इस छापे के दौरान वन विभाग के डीएफओ अशोक पटेल के सरकारी बंगले में 5 लाख और पैतृक घर में 15 लाख नकद मिला है. इसके अलावा 90 जमीन और 12 से ज्यादा मकान के दस्तावेज तथा एक करोड़ से ज्यादा एलआईसी निवेश के दस्तावेज भी मिले हैं. सहायक आयुक्त आनंद सिंह और डीएमसी श्याम सुंदर सिंह चौहान के घर पर 70 से ज्यादा जमीन व मकान के कागजातों के अलावा बीमा में लाखों रुपये निवेश किए जाने के दस्तावेज मिले हैं. बीती रात 10 बजे तक एजेंसी की जांच चलती रही.
ईओडब्ल्यू-एसीबी के प्रमुख अमरेश मिश्रा ने आज बताया कि सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक पटेल, समग्र शिक्षा के तत्कालीन डीएमसी श्याम सुंदर सिंह चौहान और बीजापुर के आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त आनंद सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले से हैं. तीनों अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति अर्जी करने का आरोप हैं, इसकी जांच के लिए छापेमारी की गई है। तीनों अधिकारियों के घर से 150 से ज्यादा प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले है, उन दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि आरोप है कि डीएफओ अशोक ने 3 करोड़ और श्याम सुंदर व आनंद ने दो-दो करोड़ की आय से अधिक संपत्ति बनाई है. इसके अलावा लाखों रुपये के अचल संपत्ति पर निवेश किया है. शिकायतों की जांच के बाद शासन ने अशोक और श्याम सुंदर को पहले ही निलंबित कर दिया था. उनके खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है. 3 मार्च को ईओडब्ल्यू ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज करने के बाद छापेमारी की है. सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक पटेल , कृष्ण वाटिका रायगढ़ के निवासी हैं. वे लंबे समय से वे बस्तर संभाग में पदस्थ हैं. अशोक पर आरोप है कि 2021-2022 में सुकमा में तेंदूपत्ता बोनस वितरण में उन्होंने भारी भ्रष्टाचार किया है. सुकमा वनमंडल को बोनस के तौर पर सरकार से 6 करोड़ 54 लाख रुपये मिले थे. इसका 66 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान होना था, लेकिन 8 माह तक भुगतान नहीं किया.
सहायक आयुक्त आनंद सिंह पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी बच्चों के लिए प्राप्त पैसों में धांधली की है. उन्होंने बिल में भी बड़ा फर्जीवाड़ा किया है. डीएमसी श्याम सुंदर सिंह चौहान पर इसी तरह के आरोप लगे हैं. दोनों ने फर्जी बिल जमा कर पैसे ले लिए, भ्रष्टाचार के पैसों को उन्होंने प्रॉपर्टी में लगाया है. लाखाें की ज्वेलरी खरीदने का प्रमाण मिला है. छापे के दौरान दोनों के घर से कैश, ज्वेलरी, प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं. एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने एक साथ सुकमा, छिंदगढ़, कोंटा, रायगढ़, पुसौर, सारंगढ़, बीजापुर, जगदलपुर, गीदम दंतेवाड़ा सहित 16 जगह पर रविवार को छापा मारा है. कुछ जगह पर ताला लगा हुआ था, जिस पर कार्यवाही करते हुए मकान काे सील कर उन्हें नोटिस जारी किया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार